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गुमराह न करें! किसी कानून का उल्लंघन नहीं… 41 राजनयिक बुला कनाडा ने मढ़ा आरोप तो भारत ने सुना दिया

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। न चाहते हुए भी कनाडा को अपने 41 राजनयिक वापस बुलाने पड़े। उसने चंडीगढ़, मुंबई और कर्नाटक में कांसुलेट सेवाएं रोकते हुए भारत पर अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ काम करने का आरोप लगा दिया। इस पर भारत ने खालिस्तानियों के हमदर्द कनाडा को सुना दिया है। जी हां, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि हम समानता के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में प्रोजेक्ट न किया जाए। हम इस तरह की कोशिश की निंदा करते हैं। दरअसल, भारत ने देश में कार्यरत कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम करने को कहा था। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा था कि उनकी संख्या कनाडा में सेवारत भारतीय राजनयिकों की संख्या से ज्यादा है।

कनाडा को भारत की दो टूक
आज भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हमने भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या के संबंध में 19 अक्टूबर को कनाडा सरकार का बयान देखा। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडा के राजनयिकों की बहुत ज्यादा संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनके लगातार हस्तक्षेप को देखते हुए जरूरी है कि नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक मौजूदगी बराबर हो।

दरअसल, एक दिन पहले कनाडा ने भारत पर विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का भी आरोप मढ़ दिया था। आतंकी की हत्या में भारत पर सवाल खड़े करने वाले कनाडा ने द्विपक्षीय तनाव बढ़ने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया।

भारत ने आज कहा कि हम राजनयिकों की समान मौजूदगी को पूरा करने के तौर-तरीकों और विवरण पर काम करने के लिए पिछले महीने से कनाडाई पक्ष के साथ संपर्क में है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि इस समानता को लागू करने में हमारी कार्रवाई राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 11.1 के अनुरूप है। इसमें कहा गया है- ‘मिशन की साइज को लेकर किसी समझौते के अभाव में, रिसीविंग स्टेट के लिए जरूरी है कि मिशन की साइज स्टेट में परिस्थितियों और विशेष मिशन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उचित एवं सामान्य सीमाओं के भीतर हो।’ दोनों देशों के बीच तनाव की शुरुआत कनाडा के उस आरोप से हुई थी जब उसने कहा था कि वैंकूवर में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में भारत का हाथ हो सकता है।

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