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लक्षद्वीप में पर्यटकों को लुभाना है तो बाली, सोनी और टिकटॉक वाला फॉर्म्युला अपनाना होगा

सरकार पिछले 50 वर्षों से लक्षद्वीप में समुद्र तट पर्यटन को बढ़ावा देने के सचेत प्रयास कर रही है, लेकिन इसे अब तक प्रसिद्धी नहीं मिल सकी है। लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में कुछ हस्तियों और भारत सरकार के एक मंत्री ने गलती से मालदीव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थीं। एक यादगार ब्रैंड के लिए अन्य बातों के अलावा चतुराईपूर्ण संकेत की आवश्यकता होती है। इसलिए, संकेत दें कि आप आधुनिक और वैश्विक हैं क्योंकि यह हमेशा काम करता है।

बाली का उदाहरण: इंडोनेशिया की पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री ने कहा था कि उनकी यात्राओं के दौरान उन्हें कभी-कभी यह बताना पड़ता था कि उनका देश वह है जहां बाली स्थित है। बाली एक प्रांत है लेकिन पर्यटकों के लिए स्वर्ग के रूप में इसका अंतरराष्ट्रीय ब्रैंडिंग इसे इंडोनेशिया के लिए एक संदर्भ बिंदु बनाता है। ऐसा जानबूझकर किया गया है। एक घोर रूढ़िवादी देश में बाली न केवल विदेशी भाषाओं के साथ अपने आरामदायक सुविधाओं के लिए बल्कि शराब पीने और मर्जी के पोशाक पहनने की छूट के लिए भी प्रसिद्ध है।

सोनी की सफलता: जापानी फर्म तोक्यो त्सुशिन कोग्यो के बारे में शायद ही किसी ने सुना हो। लेकिन लगभग सभी ने सोनी के बारे में सुना है, जो इसी कंपनी के स्वामित्व का ब्रैंड है। सोनी जापानी नाम नहीं है। हालांकि, कंपनी के संस्थापकों ने उच्चारण में आसानी के लिए इसे चुना था। ब्रैंड नाम का आकर्षण इतना शक्तिशाली था कि कंपनी ने 1958 में अपना नाम बदलकर सोनी कर लिया।

TikTok को न भूलें: वैश्विक दर्शकों को आकर्षित करने के लिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। चीनी सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक के नाम से ही ऐसा लगता है कि जैसे वह फटाफट स्वरूप का ऑनलाइन प्लैटफॉर्म है। यही वजह है कि टिकटॉक अपने छोटे वीडियो प्रारूप के प्रति दुनियाभर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया। अगर यह खुद को दुनिया में भी अपने चीनी नाम Douyin के रूप में पेश करता तो संभवतः यह वैश्विक सनसनी नहीं बन पाता।

वैश्विक छवि की ताकत: प्रभावशाली ब्रैंड की लालसा इसलिए होती है क्योंकि वे एक व्यवसाय को प्रतिस्पर्धा से ऊपर उठाते हैं। ब्रैंड नेम एक शक्तिशाली संकेत के रूप में कार्य करता है। इसलिए, एक सफल ब्रैंड को व्यापक, अंतरराष्ट्रीय आधार पर समान रूप से अपील करने के लिए डिजाइन करने का सचेत प्रयास होना चाहिए। घरेलू बाजार पर भी यही नियम लागू होता है। कम खर्च कर पाने की क्षमता वाले लोगों को भी ग्लोबल दिखने का शौक होता है।

ब्रैंड बनाने के उपाय: अंतरराष्ट्रीय संकेत देने का एक अच्छा उदाहरण हवाई अड्डों, हवाई जहाजों, होटलों, रेस्तरां, यहां तक कि बड़ी कंपनियों के दफ्तर स्थापित करना है। तेज संगीत जिसमें ग्लोबल अपील हो, वह हमेशा ऐसे संगीत से बेहतर विकल्प होता है जो पूरी तरह से स्थानीय हो। आप जिसे ब्रैंड बनाना चाहते हैं, उसे ग्राहकों की पसंद के हिसाब से ढालना होगा, न कि अपनी ‘सांस्कृतिक मान्यताओं’ के लिहाज से।

इसलिए, अगर हम गंभीरता से चाहते हैं कि पर्यटन के क्षेत्र में लक्षद्वीप का डंका बजे तो हमें अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में पेश करना होगा। ‘भारत का बाली’ के रूप में इसकी ब्रैंडिंग करनी होगी।

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