
कोर्ट ने कहा कि यह प्रथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
क्या कहा कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति के आधार पर किसी विशेष काम के लिए चुना जाना अस्वीकार्य है। यह भेदभाव है और यह भारत में समानता के सिद्धांत के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिलने चाहिए और उन्हें किसी भी तरह के भेदभाव का सामना नहीं करना चाहिए।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
यह फैसला भारत में जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक बड़ी जीत है जो जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह फैसला यह भी दर्शाता है कि भारत का न्यायपालिका जातिगत भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आगे क्या होगा?
इस फैसले के बाद, भारत के सभी राज्यों को अपने कानूनों में बदलाव करने होंगे ताकि जाति के आधार पर भेदभाव को रोका जा सके। सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिलें।



