शहर को घने धुएं ने ढक लिया है और यमुना नदी में जहरीला फोम बह रहा है। प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है।
आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 339 तक पहुंच गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण के मुख्य कारणों में पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं और औद्योगिक प्रदूषण शामिल हैं।
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे घर से बाहर निकलने से बचें और मास्क पहनें।
यह स्थिति कई कारणों से गंभीर है:
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
- आर्थिक नुकसान: प्रदूषण के कारण पर्यटन और अन्य उद्योगों को नुकसान हो रहा है।
- पर्यावरण: प्रदूषण पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है।
- सरकारी नीतियां: प्रदूषण को नियंत्रित करने में सरकार की नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।