विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में भी सी-कैटेगरी फॉर्मूला लागू करेगी BJP
भारतीय जनता पार्टी (BJP) अगले लोकसभा चुनाव के लिए मिशन मोड पर तैयारियों में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रोज पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके लिए पूरी ताकत झोंक देने की अपील की थी। पार्टी ने अपनी प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव के शेड्यूल का ऐलान होने से काफी पहले वह कई सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ‘सी-कैटेगरी’ फॉर्मूला लागू करेगी। अगले हफ्ते से उसकी चुनावी तैयारियां जमीन पर दिखने के आसार हैं।
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने ‘सी-कैटेगरी’ फॉर्मूले को लागू किया था। इन विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा काफी पहले कर दी गई थी। ये वे सीटें थीं जिन पर पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जीत दर्ज नहीं की थी। वहीं, 2023 में इन सीटों पर उसने अच्छा प्रदर्शन किया। लोकसभा चुनावों के लिए भी पार्टी इसी तरह की रणनीति अपना सकती है। ऐसी सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा अगले 30-45 दिनों में की जा सकती है। बीजेपी ने पहले ही 160 सीटों की पहचान कर ली है। इनमें स्थिति को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को उतारने की तैयारी है।
कमजोर’ सीटों को ‘मजबूत’ करने का प्लान
दक्षिण और पूर्व में कई ‘कमजोर सीटों’ की पहचान की गई है। यहां कमजोर सीटों से आशय उनसे है जिन पर बीजेपी ने पिछले चुनावों में अच्छा नहीं किया है। पार्टी को उम्मीद है कि कैंडिडेंट्स की जल्दी घोषणा से उन्हें ‘फर्स्ट मूवर एडवांटेज’ मिलेगा। यानी पहले उतरने का फायदा। हालांकि, यह अभी तक साफ नहीं है कि क्या पार्टी केवल 160 सीटों पर ही उम्मीदवारों की जल्दी घोषणा करेगी। पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, ज्यादातर केंद्रीय मंत्रियों और राज्यसभा सांसदों को लोकसभा चुनावों में मैदान में उतारा जा सकता है। 160 ‘कमजोर’ लोकसभा सीटों में रायबरेली शामिल है। इसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करती हैं। डिंपल यादव की मैनपुरी सीट भी इनमें शामिल है।
बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों में इनमें से ज्यादातर सीटें हार गई थी। कुछ सीटें जो उसने जीती थीं, वे भी सूची में शामिल हैं। ये वे सीटें हैं जिन्हें पार्टी मानती है कि जो स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक हालातों के कारण चुनौती बन गई हैं। नड्डा या उनके पूर्ववर्ती अमित शाह सभी 160 निर्वाचन क्षेत्रों का कम से कम एक बार दौरा कर चुके हैं। बीजेपी ने 2019 के चुनावों से पहले भी मुश्किल सीटों की ऐसी ही सूची बनाई थी।
पूरे फॉर्म में चल रही हैं बीजेपी की तैयारियां
पार्टी की तैयारियों का पता इस बात से लगता है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठकों में व्यस्त हैं। इनमें आगामी लोकसभा चुनावों पर चर्चा हो रही है। इसके बाद जनवरी में जिला इकाई प्रमुखों की उपस्थिति में राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो सकती है। पार्टी की तैयारियों का पता इस बात से लगता है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठकों में व्यस्त हैं। इनमें आगामी लोकसभा चुनावों पर चर्चा हो रही है। इसके बाद जनवरी में जिला इकाई प्रमुखों की उपस्थिति में राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो सकती है।
लोकसभा कैंपेन में बीजेपी की टॉप थीम ‘मोदी की गारंटी’रहेगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नड्डा के साथ मिलकर इस पर मंथन किया। पीएम और नड्डा ने मिलकर संगठन स्तर पर तैयारियों का जायजा लिया। इसमें ‘मोदी की गारंटी’ बीजेपी के कैंपेन की मुख्य थीम में से एक होगी।
शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। उन्होंने आम चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे इसमें पूरी ताकत झोंक दें। पदाधिकारियों से यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार और बीजेपी शासित राज्य सरकारों के कामकाज को वे जनता के बीच लेकर जाएं। इस दौरान लोगों से अपील करें कि देश निर्माण के लिए बीजेपी सरकार क्यों जरूरी है।



