चक्रवात के तट पर पहुंचने से पहले सिबानी ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी बुजुर्ग महिला पीछे न रह जाए।
सिबानी ने अपने पड़ोस में रहने वाली बुजुर्ग महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एक अभियान शुरू किया। उन्होंने इन महिलाओं को अपने घर से आश्रय स्थलों तक पहुंचाया और उनकी हर संभव मदद की। सिबानी का यह काम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
सिबानी का कहना है कि चक्रवात के दौरान बुजुर्ग महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि वे खुद को सुरक्षित स्थानों तक नहीं पहुंचा पाती हैं।
सिबानी के इस नेक काम की हर तरफ तारीफ हो रही है। लोग उन्हें एक नायिका के रूप में देख रहे हैं। सिबानी ने साबित कर दिया है कि एक व्यक्ति भी समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है।