गुरुवार को केरल हाईकोर्ट ने 2022 में संविधान के अपमान के आरोप में दिए गए उनके बयान पर आगे की जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने पुलिस की क्लीन चिट रिपोर्ट और मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को खारिज कर दिया।
जांच में खामियां
हाईकोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक जांच में खामियां थीं और इसे जल्दबाजी में पूरा किया गया। इसके चलते अदालत ने मामले को अपराध शाखा को सौंपने का निर्देश दिया है।
घटना का संदर्भ
जुलाई 2022 में एक कार्यक्रम के दौरान साजी चेरियन ने संविधान के खिलाफ कथित बयान दिया था। इस बयान ने केरल में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। विपक्ष ने चेरियन के इस्तीफे की मांग की, जिसके कारण उन्हें 6 जुलाई 2022 को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
पुन: बहाली
हालांकि, बाद में चेरियन को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया था।
अदालत का निर्देश
कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में निष्पक्ष और विस्तृत जांच जरूरी है। साथ ही, इस बार जांच अपराध शाखा के अनुभवी अधिकारियों द्वारा की जाएगी।
राजनीतिक विवाद
इस मामले ने राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है। विपक्ष ने मंत्री को तुरंत हटाने की मांग की है।
आगे का कदम
अब सभी की नजरें नई जांच पर हैं। अदालत ने जांच अधिकारियों से निष्पक्षता बरतने और जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपील की है।
महत्वपूर्ण सवाल
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.