देश में गहराया बिजली संकट:हफ्ते में 3 बार पीक पावर सप्लाई का रिकॉर्ड, फिर भी पावर शॉर्टेज 10.77 GW पर पहुंची

देश इस समय बिजली संकट से जूझ रहा है। पीक पावर शॉर्टेज इस हफ्ते काफी तेजी से बढ़ी है। सोमवार को 5.24 गीगावॉट (GW) के सिंगल डिजिट से गुरुवार को यह 10.77 GW के डबल डिजिट में पहुंच गई। इस कमी की वजह पावर जनरेशन प्लांट में कोयले की कमी, हीटवेव और कुछ अन्य चीजें है।
नेशनल ग्रिड ऑपरेटर, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन (POSOCO) के नए डेटा से पता चलता कि रविवार को पीक पावर शॉर्टेज 2.64 GW थी, जो सोमवार को बढ़कर 5.24 GW, मंगलवार को 8.22 GW, बुधवार को 10.29 GW और गुरूवार को 10.77 GW हो गई। शुक्रवार को यह 8.12GW रही।
पीक पावर सप्लाई ने तीन बार रिकॉर्ड बनाया
दिलचस्प बात यह है कि देश भर में तेज गर्मी के बीच इस हफ्ते में पीक पावर सप्लाई तीन बार रिकॉर्ड लेवल तक पहुंची। पीक पावर सप्लाई ने मंगलवार को रिकॉर्ड 201.65GW के लेवल को छुआ। इसके बाद गुरुवार को 204.65 GW का नया रिकॉर्ड बनाया और शुक्रवार को 207.11GW के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई। बुधवार को यह 200.65GW थी और सोमवार को 199.34 GW। पिछले साल 7 जुलाई को पीक पावर सप्लाई 200.53 GW रही थी।
डिमांड में तेजी से गहराया बिजली संकट
एक्सपर्ट्स ने कहा कि डेटा साफ तौर पर दिखाता है कि डिमांड में तेजी आई है और बिजली की कमी ने संकट को और गहरा कर दिया है। उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के नेतृत्व में सभी स्टेकहोल्डर्स को थर्मल प्लांटों में कम कोयले के स्टॉक, प्रोजेक्ट पर रेक की समय पर अनलोडिंग, रेक की उपलब्धता जैसे इश्यू से मजबूती से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में अभी यह हाल है तो आने वाले दिनों में क्या होगा।
नॉन-पिटहेड थर्मल प्लांट में कोयले की कमी
नए डेटा से ये भी पता चलता है कि 164 GW से ज्यादा की टोटल कैपेसिटी वाले 147 नॉन-पिटहेड थर्मल प्लांट में कोयले का स्टॉक 28 अप्रैल 2022 को मानक स्तर का 24% था। इन प्लांट्स में गुरुवार को कोयले का स्टॉक 57,236 हजार टन के मानक के मुकाबले 13,755 हजार टन था। नॉन पिटहेड प्लांट कोयला खदानों से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित हैं और ड्राय फ्यूल स्टॉक को बनाए रखना आवश्यक है।
Source : Dainik Bhaskar



