
झारखंड में कल्याण विभाग के छात्रावासों में रहने वाले बच्चों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें छात्रावास में मुफ्त भोजन भी मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग इन बच्चों को भोजन देने की कवायद में जुट गया है। योजना लागू होने के बाद विभाग के 506 छात्रावासों में रह रहे करीब 22 हजार बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
इन बच्चों को सीएसआर मद से तीन टाइम भोजन और जलपान देने की योजना है। विभागीय सचिव केके सोन ने सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर छात्रावासों में रह रहे बच्चों की जानकारी मांगी है। उन्होंने 15 दिन के भीतर पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
पिछले सप्ताह हुई विभागीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कल्याण विभाग के छात्रावासों में रह रहे छात्र-छात्राओं की समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसके समाधान पर जोर दिया था। इसके बाद विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी। डीसी को भेजे गए पत्र में सचिव ने तय फॉर्मेट में 19 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इनमें छात्रावास का नाम, स्थान और उसकी कोटि की जानकारी देनी है।
छात्रावास का संचालन कैसे होगा, अभी तय नहीं
बच्चों को मुफ्त भोजन देने पर कितना खर्च आएगा, इसका एस्टीमेट बनाया जा रहा है। तय हुआ है कि यह खर्च सीएसआर मद से की जाए। भाेजन और छात्रावासों के रख-रखाव का जिम्मा किसी एनजीओ को दी जाए या निजी हाथों में सौंपा जाए, यह अभी तय नहीं हो पाया है। इस पर मंथन चल रहा है।
चुनौती… अवैध रूप से रह रहे बच्चों को हटाना होगा
कल्याण विभाग के विभिन्न छात्रावासों में कई बच्चे अवैध ढंग से कब्जा जमाए हुए हैं। ऐसे सैकड़ों बच्चे हैं, जो किसी स्कूल-कॉलेज में नहीं पढ़ते, लेकिन छात्रावास में रह रहे हैं। भोजन योजना शुरू होने से पहले ऐसे बच्चों को वहां से हटाया जाएगा। प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।
Source : Dainik Bhaskar



