यह घटना पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों के लिए बढ़ते खतरों को दर्शाती है।
बिनार क्यूबसेट्स छोटे उपग्रह होते हैं जिनका उपयोग विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए किया जाता है। ये उपग्रह पृथ्वी के करीब चक्कर लगाते हैं। सूर्य की गतिविधि बढ़ने के साथ ही पृथ्वी के वायुमंडल का ऊपरी हिस्सा गर्म होता है और फैलता है। इससे उपग्रहों पर घर्षण बढ़ जाता है और वे धीरे-धीरे अपनी ऊंचाई खोने लगते हैं। अंततः, वे वायुमंडल में प्रवेश कर जल जाते हैं।
यह घटना वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यह बताती है कि सूर्य की गतिविधि पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष वातावरण को कैसे प्रभावित कर सकती है। इससे उपग्रहों के जीवनकाल को कम करने के साथ-साथ अंतरिक्ष यान मिशनों को भी खतरा हो सकता है।