इन कंपनियों का दावा है कि ओपनएआई ने अपने उत्पादों को प्रशिक्षित करने के लिए बिना अनुमति के उनके समाचार लेखों का इस्तेमाल किया है।
यह मामला तेजी से उभरते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उद्योग में कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा अधिकारों के मुद्दे को उजागर करता है। समाचार प्रकाशक तर्क देते हैं कि एआई कंपनियां जैसे ओपनएआई बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग करके अपने मॉडल को प्रशिक्षित करती हैं, जिसमें अक्सर कॉपीराइट सामग्री भी शामिल होती है। इससे समाचार संगठनों को आर्थिक नुकसान होता है और उनके काम की मूल्य कम हो जाती है।
ओपनएआई पर यह पहला मुकदमा नहीं है। इससे पहले भी कई अन्य कंपनियों और संगठनों ने इसी तरह के आरोप लगाए हैं। यह मुकदमा एआई उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण होगा और यह तय करेगा कि एआई कंपनियां किस हद तक मौजूदा कॉपीराइट कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि एआई तकनीक के तेजी से विकास के साथ कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा अधिकारों के मुद्दे कितने जटिल हो गए हैं। यह मुकदमा एआई उद्योग और समाचार उद्योग के बीच एक महत्वपूर्ण संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है।