महक का कहना है कि वह पिछले 20 वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रही हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
महक ने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी की कार्यकर्ता हूं और 20 साल से पार्टी के लिए सेवा दे रही हूं। इस बार टिकट न देकर पार्टी ने मेरे काम और वफादारी को नजरअंदाज किया है। अगर प्रशासन मेरे कुत्ते का नामांकन स्वीकार नहीं करता, तो मैं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ूंगी।”
महक ने आगे कहा कि वह हमेशा दिन-रात लोगों की मदद के लिए तैयार रहती थीं। “जब भी मोहल्ले या क्षेत्र में कोई झगड़ा होता था, मैं उसे सुलझाने के लिए हमेशा मौजूद रहती थी। लेकिन पार्टी ने मेरी मेहनत और समर्पण की कद्र नहीं की।”
महक ने यह भी कहा कि पार्टी ने उनकी जगह किसी और को टिकट देकर उनके साथ अन्याय किया है। अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने कुत्ते को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है।
चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 9 दिसंबर से शुरू हुई थी और नामांकन भरने की आखिरी तारीख 12 दिसंबर थी। नामांकन पत्रों की जांच 13 दिसंबर को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है।
महक का यह कदम सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां कई लोग इसे अनोखा और हास्यास्पद बता रहे हैं।



