प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर छात्रों को इस स्क्रीनिंग में भाग लेने से रोका था और कहा था कि इससे परिसर में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है।
छात्रों का कहना है कि उन्हें अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है और वे इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाकर इस अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
यह घटना एक बार फिर से विश्वविद्यालयों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रशासन के बीच तनाव को उजागर करती है। यह भी सवाल उठाती है कि क्या विश्वविद्यालयों में छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने की पूरी आजादी होनी चाहिए या प्रशासन को कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।