रवींद्र घोष, जो 88 वर्ष के हैं, वर्तमान में चिकित्सा उपचार के लिए बैरकपुर में अपने बेटे राहुल घोष के साथ रह रहे हैं।
चिन्मय कृष्ण दास का मामला
रवींद्र घोष बांग्लादेश में गिरफ्तार हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास के वकील हैं।
कुनाल घोष ने वकील को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने का उनका अनुरोध उचित स्तर पर पहुंचाया जाएगा।
कुनाल घोष का बयान
TMC नेता ने कहा कि राज्य सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के मामलों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस मामले पर क्या कदम उठाती है।
भाजपा पर निशाना
कुनाल घोष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को अपनी केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कदम उठाने को कहना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा नेताओं ने केंद्र में अपने नेतृत्व से चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई के लिए चर्चा की है।
रवींद्र घोष का उद्देश्य
रवींद्र घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की इच्छा जताई है।
उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति पर बातचीत करना जरूरी है।
मुलाकात का महत्व
यह मुलाकात बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति और भारत-बांग्लादेश संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
कुनाल घोष ने यह भी कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई तकनीकी और कानूनी मुद्दों पर निर्भर करती है।
आगे की संभावनाएँ
इस मुलाकात के बाद यह देखना होगा कि केंद्र और राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।
यह मामला दोनों देशों के संबंधों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चर्चा का विषय बन सकता है।
निष्कर्ष
मुलाकात ने राज्य और केंद्र के बीच समन्वय की आवश्यकता को उजागर किया है।



