सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुर्गा लड़ाई पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद और पुलिस द्वारा लगातार चेतावनी देने के बावजूद, कई जगहों पर इस अवैध गतिविधि को अंजाम दिया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, मुर्गा लड़ाई के आयोजक मुर्गों को अधिक आक्रामक बनाने के लिए स्टेरॉयड और शराब जैसी चीजें दे रहे हैं। इस अवैध गतिविधि में करोड़ों रुपये का सट्टा लगाया जाता है।
पुलिस प्रशासन इस अवैध गतिविधि पर लगाम लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन फिर भी मुर्गा लड़ाई के आयोजक अपने तरीके से इस पर अमल कर रहे हैं।
यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि मुर्गा लड़ाई एक क्रूर खेल है और इसमें जानवरों पर अत्याचार होता है। इसके अलावा, यह एक अवैध गतिविधि है और इसमें जुआ भी शामिल है।



