पिछले हफ्ते, अनवर को मलप्पुरम जिले के वन कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वन विभाग ने हाथी के हमलों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए थे।
अनवर की गिरफ्तारी के बाद राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई थी। उनके समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग की थी।
अदालत ने अनवर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है। उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करना होगा और देश छोड़कर नहीं जाना होगा।
यह मामला वन संरक्षण और मानव-हाथी संघर्ष के मुद्दे पर एक बार फिर बहस को हवा दे रहा है।



