तीन साल बाद हो रहा है DUSU चुनाव; पता है कैसे चुने जाते हैं प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी?
छात्र संघ का चुनाव, छात्र जीवन का एक बड़ा महोत्सव होता है। जिसे देश और समाज बदलने की चाहत होती है, उसे सक्रिय अभ्यास का पहला मौका इस चुनाव के जरिए मिलता है। और बात दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव (DUSU Election) की हो तो फिर क्या कहना! देश की राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त इस संस्थान में छात्र संघ का चुनाव इतना रोमांचकारी होता है कि एक बार आप इसे करीब से देखे लें तो उसकी यादें आपको ताउम्र गुदगुदाती रहेंगी। क्या शानदार माहौल होता है! कितना जबर्दस्त प्रचार अभियान चलता है! किस हद तक जीत की लड़ाई लड़ी जाती है! इन सबको कभी महसूस कर लिया तो वर्षों बाद भी बस ख्याल आते ही आप अंदर से चहक उठते हैं। आपके अंदर का वो विद्यार्थी फिर से कुलांचे भरने लगता है। प्रचार के लिए व्यक्तिगत मिलना-जुलना हो या सामूहिक संबोधन, एक-एक गतिविधि रोमांचित करने वाली होती है। इस चुनाव से आपको राजनीति का ककहरा ना सिर्फ समझ में आता है बल्कि अच्छे से आत्मसात भी हो जाता है।
इस बार तीन साल बाद हो रहा है डूसू चुनाव
इस बार तीन साल बाद डूसू चुनाव हो रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई वैश्विक महामारी कोविड-19 से पहले वर्ष 2019-20 में डूसू चुनाव हुए थे। इस बार के चुनाव में तीन वर्ष की देरी होने के कारण उम्मीदवारों को उम्र की शर्त में भी राहत दी गई है। अंडग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट कैंडिडेट्स के लिए अधिकतम आयु सीमा क्रमशः 25 वर्ष और 28 वर्ष कर दी गई है। यह राहत सिर्फ इस बार के लिए है। 22 सितंबर को मतदान होगा। इस बार प्रचार के लिए कागज के उपयोग की अनुमति नहीं है। इस कारण कोई बैनर-पोस्टर नहीं लगाया जा सकेगा। पेपरलेस कैंपेन के लिए उम्मीदवारों को डीयू की वेबसाइट पर प्रचार सामग्री अपलोड करने की अनुमति दी गई है। उन्हें अधिकतम 10 मिनट का अपना भाषण भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपने का विकल्प दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भाषण की जांच करके उसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
किस-किस पार्टी से कौन उम्मीदवार, देखें लिस्ट
इस बार अध्यक्ष पद के लिए आठ, उपाध्यक्ष पद के लिए पांच, सचिव बद के लिए 6 और संयुक्त सचिव पद के लिए पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। नीचे चार प्रमुख संगठनों के प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट है-
| पद | एबीवीपी | एनएसयूआई | एसएफआई | एआईएसए |
| अध्यक्ष | तुषार डेढ़ा | हितेष गुलिया | आरिफ सिद्दिकी | आयशा अहमद खान |
| उपाध्यक्ष | सुशांत धनकड़ | अभि दहिया | अंकित बिरपाली | अनुष्का चौधरी |
| सचिव | अपराजिता | यक्षणा शर्मा | अंदिति त्यागी | आदित्य प्रताप सिंह |
| संयुक्त सचिव | सुचिन बैसला | शुभम कुमार चौधरी | निशांत |
पार्टियों का मेनिफेस्टो तो देख लीजिए
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव के लिए महिलाओं को केंद्रित 21 सूत्री घोषणा पत्र ‘WoManifesto’ जारी किया है। घोषणा पत्र में किए गए प्रमुख वादों में छात्रों के लिए रियायती पास के माध्यम से किफायती मेट्रो ट्रेन यात्रा, ‘एक पाठ्यक्रम, एक शुल्क’, छात्रों के लिए स्पेशल यूनिवर्सिटी बसें और हर कॉलेज में नए छात्रावासों और लड़कियों के छात्रावासों का निर्माण शामिल है।
इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में डूसू चुनाव का प्रचार अभियान भी काफी हद तक डिजिटल माध्यम से ही संचालित हो रहा है। एबीवीपी ने अपे एक्स पेज पर नारा लिखा है- दुनिया देख रही है दम, डूसू जीत रहे हैं हम। इसके साथ भी हैशटैग्स का भी भरपूर उपयोग हो रहा है। #ABVP4DUSU और #DUSupportsABVP जैसे हैशटैग; पोस्टरों पर ‘कॉलेज और छात्रावास परिसर में मुफ्त वाईफाई’ लिखा हुआ है, जिसके आगे 8-4-3-4 नंबर बोल्ड में लिखा है। एबीवीपी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर अपने उम्मीदवारों को परिसर में प्रचार करते हुए रील जारी की हैं, जिनमें बैकग्राउंड में ‘हम सब की रग-रग में एबीवीपी’ जैसे थीम सॉन्ग बज रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ यानी एनएसयूआई (NSUI) भी अपने उम्मीदवारों के वीडियो, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के जरिए साझा कर रही है। एनएसयूाई ने #StudentVsSarkar पर जोर दिया है। उसने अपने अभियानों के वीडियो और तस्वीरों के साथ कई रील बनाई हैं और उन्हें इंस्टाग्राम पर अपलोड किया है।
इस वाम दल सीपीआई(एमल) की छात्र इकाई अखिल भारतीय छात्र संघ या आइसा (AISA) और सीपीआई(एम) की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एसएफआई (SFI) भी जोरदार प्रचार अभियान में जुटी है। आइसा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है: ‘गुंडागर्दी, धन और बाहुबल की राजनीति को खारिज करें और लोकतांत्रिक, मुद्दा-आधारित राजनीति का समर्थन करें।’
कैसे होता है डूसू इलेक्शन, विस्तार से जानिए
डूसू इलेक्शन की प्रक्रिया शुरू होती है, चुनाव पदाधिकारियों की नियुक्ति के साथ। कुलपति (वाइस चांसलर) पांच सदस्यीय चुनाव समिति का गठन करते हैं जिसके लिए एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त, एक मुख्य निर्वाचन अधिकारी (चीफ रिटर्निंग ऑफिसर), एक निर्वाचन अधिकारी जबकि दो अतिरिक्त सदस्य (एडिशन मेंबर) की नियुक्ति होती है। डीयू के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी कर समिति के सदस्यों की जानकारी दी जाती है। वीसी ही अलग-अलग कॉलेजों और डूसू से संबद्ध संस्थानों में चुनाव संपन्न करवाने के लिए क्रमशः उनके प्रिंसिपलों और प्रमुखों को इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त कर देते हैं। उन्हीं की देखरेख में डूसू सेंट्रल काउंसिल के पदाधिकारियों और सदस्यों का चुनाव होता है।




