छागला बॉम्बे बार एसोसिएशन से जुड़े हुए थे और 1970 के दशक में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला था।
छागला ने अपने लंबे करियर में कई महत्वपूर्ण मुकदमों में वकालत की और न्यायपालिका में अपनी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठाई और समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम किया।
छागला के निधन से कानूनी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। कई वकीलों और न्यायाधीशों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने छागला को एक कुशल वकील और एक बेहतरीन इंसान बताया है।
छागला का निधन न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे कानूनी जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ी है।



