कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान सबसे आगे रहे डॉ. अशफाकल्ला नायया को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (WBMC) से एक पत्र मिला है। इस पत्र में उन पर ‘नकली’ डिग्री का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है।
डॉ. नायया ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस पत्र के आने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ एक साजिश है और यह कि वे इस आरोप का सख्ती से विरोध करेंगे।
यह मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है और कई सवाल उठा रहा है। क्या यह डॉ. नायया के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है या फिर यह एक सच्चा मामला है? इस मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस पर और भी खुलासे हो सकते हैं।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ लगाया गया आरोप है जिसने जूनियर डॉक्टरों के हितों के लिए आवाज उठाई थी। अगर यह आरोप सही साबित होता है तो इससे डॉ. नायया की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे और जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन की छवि खराब हो सकती है।


