अक्टूबर में राज्य को 456 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है।
वित्तीय विश्लेषकों का कहना है कि यह नुकसान राज्य के विकास कार्यों को प्रभावित करेगा। पिछले वर्ष की तुलना में झारखंड की जीएसटी वसूली 15 प्रतिशत कम रही। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह गिरावट भविष्य में बजटीय संकट का संकेत हो सकती है।
हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर जीएसटी वसूली में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे केंद्र सरकार को लाभ होगा, लेकिन राज्यों को आर्थिक दबाव झेलना पड़ेगा। यह असमानता संघीय ढांचे पर भी सवाल खड़े करती है।



