POK में अभी क्या चल रहा? पूर्व आर्मी चीफ ने क्यों कहा अपने आप भारत में आएगा, अंदर की बात समझिए
POK अपने आप भारत के अंदर आएगा, थोड़ा सा इंतजार कीजिए… जब से केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने यह बात कही है देश में कई तरह की बातें होने लगी हैं। वीके सिंह राजस्थान के दौसा में थे। वहां उनसे पीओके पर बीजेपी का स्टैंड पूछा गया था। दरअसल, पीओके से रिपोर्ट आ रही है कि वहां के लोग भारत में विलय की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि वीके सिंह के इस बयान के क्या मायने हैं। पीओके के हालात क्या हैं और क्या 370 के बाद मोदी सरकार का यह अगला बड़ा मास्टरस्ट्रोक होने वाला है। सबसे पहले बात पीओके की। वीके सिंह ने ‘अपने आप’ वाली बात इसलिए कही है क्योंकि शायद भारत को इसके लिए कोई ऐक्शन लेने की जरूरत ही न पड़े। जी हां, गरीबी और कंगाली के दलदल में जिस तरह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान धंसता जा रहा है। संभव है कि आने वाले वर्षों में गृह युद्ध के बाद उसके कई टुकड़े हों और पीओके की जनता खुद-ब-खुद तिरंगा झंडा उठा ले। ऐसे में भारत को अपनी तरफ से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा और जिस तरह आए दिन अखंड भारत की बातें होती हैं उस दिशा में अपने आप देश बढ़ चलेगा।
ज्यादा नहीं, वीके सिंह के बयान से दो महीने के दौरान घटनाक्रमों को समझें तो पीओके की जमीनी हकीकत समझ में आ जाती है। इधर, दिल्ली में जब दुनियाभर के नेता जुटे तो तस्वीरें पाकिस्तान में भी देखी गईं। वहां के लोगों खासतौर से पीओके की जनता को समझ में आ रहा है कि 1947 की उस गलती के बाद भारत इन 75 वर्षों में चांद पर पहुंच गया और पाकिस्तान को दुनिया के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है। कुछ घंटे पहले पीओके से तस्वीरें आईं जिसमें लोग फ्रीडम के नारे लगा रहे हैं। वे अपनी हुकूमत को भारत के साथ जुड़ने की धमकी भी दे रहे हैं। कुछ कश्मीरी एक्टिविस्ट का बयान मीडिया में आया है, जिसमें वे पीएम मोदी से मदद मांगते दिख रहे हैं। उनका कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री उन्हें पाकिस्तान से आजाद कराएं।
शब्बीर चौधरी ऑनलाइन वीडियो पोस्ट कर दुनिया को वहां की स्थानीय जनता की समस्याओं से रूबरू कराते हैं। उनका कहना है कि एलओसी के पास हजारों लोग रहते हैं और वे भारत के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। उन्होंने कहा है, ‘लोग पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी दिलाने के लिए मोदी से गुहार लगा रहे हैं। वे चाहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें बचाएं क्योंकि वहां लोग अब भूख से मरने लगे हैं।’ ऐसे में आपके मन में सवाल होगा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि पीओके में हालात इतने खराब हो गए।
दरअसल, पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता तो पहले से ही रही है इस समय अर्थव्यवस्था भी आईसीयू में चली गई है। रोजमर्रा के जरूरत की चीजें और डीजल-पेट्रोल आम आदमी की पहुंच से दूर जा रहे हैं। विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया है। आगे भविष्य भी अंधकारमय दिख रहा है। पीओके के लोगों का गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि पाकिस्तान की सरकार उनके संसाधनों को खर्च कर रही है लेकिन क्षेत्र को फायदा नहीं दे रही है। ऐसे में क्षेत्र एक तरह की गृहयुद्ध की तरफ बढ़ता दिख रहा है। पीओके की जनता से टैक्स ज्यादा लिए जा रहे हैं। इसी क्षेत्र से बिजली सबसे ज्यादा पैदा की जाती है लेकिन जनता को बिजली का भुगतान ज्यादा करना पड़ रहा है। पीओके में शिया समुदाय की अच्छी खासी तादाद है। पाकिस्तान की सरकार शियाओं की संख्या को कम करना चाहती है। ऐसे में पाक सरकारों ने लगातार पीओके में सुन्नी मुसलमानों को बसाया। इससे स्थानीय जनता में गुस्सा बढ़ा।
इतना ही नहीं, पीओके के एक जानेमाने शिया मौलवी के खिलाफ पिछले दिनों एफआईआर की गई। उसके बाद एक बड़ी रैली कर शेख बकीर अल हुसैनी के हजारों समर्थकों ने ऐलान किया कि खुदा की कसम, अगर तुमने हुसैनी को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो न हम रहेंगे, न तुम रहोगे। भारत में जी20 समिट की कामयाबी को देख पाकिस्तान की आम जनता में यह भावना पैदा हो रही है कि उनकी लीडरशिप ठीक नहीं है। वे देश के भविष्य को लेकर फिक्रमंद नहीं हैं। शायद यही वजह है कि वीके सिंह ने अपने आप वाली बात कही है। मतलब भारत को कुछ नहीं करना होगा, पीओके अपने आप आ जाएगा।



