जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की मौतों की जांच तो होगी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल ही में दो नागरिकों की मौत के मामलों की जांच शुरू की है।
हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि इन जांचों के नतीजे किसी पर कोई कार्रवाई के लिए आधार नहीं होंगे और न ही केंद्र सरकार की सुरक्षा नीतियों पर कोई असर डालेंगे।
स्थानीय लोगों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर जांच के नतीजों के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो ऐसी जांच का कोई मतलब नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति और खराब होगी। उनका कहना है कि सरकार को नागरिकों की मौतों की जांच को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है? यह फैसला जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में बहुत कुछ बताता है। यह दिखाता है कि सरकार नागरिकों की जान को कम महत्व देती है। यह फैसला जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ा झटका है।



