कोर्ट ने कहा कि नगर निगमों और अन्य स्थानीय निकायों को मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अधिक सक्रिय होना चाहिए।
कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिका में कहा गया था कि राज्य में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और सरकार इस समस्या से निपटने में नाकाम रही है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। इसमें मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करना, लोगों को जागरूक करना और मच्छरों के काटने से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी देना शामिल है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि नगर निगमों और अन्य स्थानीय निकायों को डेंगू के मामलों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अगर वे अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह फैसला डेंगू जैसी बीमारियों से लड़ने में सरकार की भूमिका को रेखांकित करता है। यह फैसला यह भी दर्शाता है कि न्यायपालिका जन स्वास्थ्य के मुद्दों को गंभीरता से ले रही है।


