1957 से कोलकाता की सड़कों पर दौड़ रही हिंदुस्तान एंबेसडर कारें अब इतिहास बनने जा रही हैं। इस साल लगभग 1000 एंबेसडर टैक्सियों को सड़कों से हटाया जाएगा।
यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इन टैक्सियों की उम्र 15 साल से अधिक हो चुकी है और ये प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन गई हैं। इसके अलावा, इनकी सुरक्षा सुविधाएं भी आधुनिक वाहनों के मुकाबले कम हैं।
कोलकाता के लोगों के लिए पीली टैक्सी बस एक यातायात का साधन नहीं थी, बल्कि यह शहर की पहचान थी। इन टैक्सियों ने कई पीढ़ियों को अपनी सेवाएं दी हैं। लेकिन बदलते समय के साथ इन टैक्सियों को भी जाना होगा।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह खबर कोलकाता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत है। पीली टैक्सियां कोलकाता की पहचान थीं और इनके जाने से शहर का एक अहम हिस्सा खत्म हो रहा है। यह खबर यह भी दर्शाती है कि कैसे समय के साथ चीजें बदलती हैं और हमें नए परिवर्तनों को स्वीकार करना होता है।


