अधिकारियों के मुताबिक, रविवार रात जयशंकर और विदेशी प्रतिनिधिमंडल जोरहाट पहुंचे थे।
सुबह जल्दी वे विश्व प्रसिद्ध एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा पहुंचे।
सबसे पहले जयशंकर और राजदूतों ने कोहोरा के केंद्रीय रेंज में हाथी सफारी का लुत्फ उठाया।
विदेश मंत्री प्रसिद्ध हाथी प्रद्युम्न पर सवार हुए।
हाथी सफारी के बाद सभी ने जीप सफारी भी की।
काजीरंगा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
सफारी के बाद जयशंकर और कुछ राजदूतों ने हाथियों को खाना भी खिलाया।
विदेशी मेहमानों ने काजीरंगा की जैव विविधता की प्रशंसा की।
उद्यान प्रशासन ने हाथियों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर जानकारी दी।
इस यात्रा का उद्देश्य भारत के प्राकृतिक धरोहर स्थलों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है।
गुवाहाटी में विदेशी प्रतिनिधिमंडल विभिन्न व्यावसायिक और सांस्कृतिक बैठकों में भी भाग लेगा।
जयशंकर ने काजीरंगा को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा कि भारत में वन्यजीव संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
विदेशी मेहमानों ने काजीरंगा की वन्यजीव संरचना और प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की।
यह यात्रा भारत की जैव विविधता और पर्यटन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का एक प्रयास है।



