मुख्य बिंदु:
- 22 फरवरी को हुई इस दुर्घटना से इलाके में तनाव।
- परिवारों और बचाव दलों में चिंता का माहौल।
- रविवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया।
- रेड्डी ने कहा कि फंसे हुए लोगों की सटीक लोकेशन पता करने में 2-3 दिन और लग सकते हैं।
- नुकसानग्रस्त कन्वेयर बेल्ट को ठीक करने के बाद ऑपरेशन में तेजी आएगी।
- सोमवार तक बेल्ट के चालू होने की उम्मीद।
- रेडार स्कैन के आधार पर 4 जगहों पर खुदाई की जा रही है।
- अब तक 5 से 12 फीट गहराई तक मिट्टी हटाई गई।
- एक जगह 9 फीट की खुदाई में मेटल ऑब्जेक्ट मिला, लेकिन इंसानों का कोई सुराग नहीं।
- NGRI, NDRF, सेना और सिंगरेनी कोल माइंस की टीम ऑपरेशन में जुटी।
- टनल में पानी का रिसाव बचाव कार्य में बाधा बन रहा।
- मलबा हटाने के लिए कन्वेयर बेल्ट को बहाल किया जा रहा।
- उत्तराखंड टनल रेस्क्यू में शामिल रैट-होल माइनर्स को भी लगाया गया।
- 3 शिफ्टों में सुबह 7 बजे, दोपहर 2 बजे और रात 11 बजे खुदाई का कार्य।
- टनल के अंदर से 14वें किमी मार्क पर सिस्मिक सर्वे भी किया जा रहा।
- ड्रिलिंग ऑपरेशन के बाद सपोर्टिंग पिलर लगाया जाएगा।
- पिलर को सीमेंट से मजबूत कर सुरंग में और गिरावट को रोका जाएगा।
- रेस्क्यू टीम को कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा।
- परिवारों की उम्मीदें बचाव दलों पर टिकी हुईं।
- अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द लोगों को सुरक्षित बाहर लाने की कोशिश जारी है।


