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हिसार: हरियाणा में गर्मी का प्रकोप बहुत अधिक होता है।

मई और जून के चरम गर्मी के महीनों के दौरान, उत्तरी राज्य में तापमान आमतौर पर अधिकतम 45-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

कस्बे और गांव रात में भी ठंडे नहीं होते हैं, बल्कि भीषण गर्मी की लहर का सामना करते हैं।

जैसे ही गर्मी स्कूलों की छुट्टियों को बढ़ा देती है और एसी राज्य भर के इलाकों में बिजली के बिल और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को बढ़ाते हैं, हिसार के एक वास्तुकार ने इस समस्या का समाधान खोज लिया है। गोकुल गोयल ने 7,000 ‘मिट्टी के कुल्हड़ों’ या मिट्टी के कपों का उपयोग करके अपने घर को ठंडा रखने का एक नया तरीका खोजा है।

यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?

यह खबर हरियाणा में भीषण गर्मी से निपटने के लिए एक अभिनव और पर्यावरण के अनुकूल समाधान को उजागर करती है। यह खबर हमें यह भी बताती है कि स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके हम अपने घरों को ठंडा रख सकते हैं।

मुख्य बातें:

  • हरियाणा में गर्मी का प्रकोप बहुत अधिक होता है।
  • हिसार के वास्तुकार गोकुल गोयल ने मिट्टी के कुल्हड़ों का उपयोग करके अपने घर को ठंडा रखने का तरीका खोजा है।
  • उन्होंने 7,000 मिट्टी के कुल्हड़ों का उपयोग किया है।
  • यह समाधान पर्यावरण के अनुकूल है।

यह खबर हमें क्या बताती है?

यह खबर हमें बताती है कि हम स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके अपने घरों को ठंडा रख सकते हैं। यह खबर हमें यह भी बताती है कि हमें पर्यावरण के अनुकूल समाधानों को अपनाने की आवश्यकता है।

हमें क्या करना चाहिए?

  • हमें गर्मी से बचने के लिए उपाय करने चाहिए।
  • हमें पर्यावरण के अनुकूल समाधानों को अपनाना चाहिए।
  • हमें स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।

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