नई दिल्ली: भारत इस बुधवार से दो दिवसीय आसियान समूह और उसके कुछ संवाद साझेदारों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद और उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए व्यापक रणनीति तैयार करना है।
यह बैठक आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) तंत्र के तहत आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर भी चर्चा होने की संभावना है।
ADMM-Plus एक ऐसा मंच है जिसमें 10 आसियान देश और आठ संवाद साझेदार शामिल हैं।
इन साझेदारों में भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं।
दिल्ली में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता भारत और मलेशिया करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस बैठक में टिमोर-लेस्ते और आसियान सचिवालय के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
भारत पहली बार आतंकवाद विरोधी कार्यकारी समूह (EWG) की सह-अध्यक्षता कर रहा है।
इस सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह करेंगे।
रक्षा सचिव इस अवसर पर उद्घाटन भाषण भी देंगे।
यह सम्मेलन 2024 से 2027 तक की गतिविधियों के लिए पहली बैठक के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
बैठक में आतंकवाद से निपटने के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा होगी।
इसके अलावा, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा।
आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को रोकने के लिए विशेष कार्ययोजनाएं बनाई जाएंगी।
इस दौरान साइबर आतंकवाद और सीमा पार सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी फोकस किया जाएगा।
भारत का उद्देश्य इस बैठक के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना है।
आसियान देशों के साथ भारत का यह सहयोग उसकी वैश्विक भूमिका को और मजबूत करेगा।
बैठक के समापन पर आतंकवाद के खिलाफ साझा घोषणापत्र जारी होने की संभावना है।
इस सम्मेलन से आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय रणनीतियों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।



