अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया से आए इन मेहमानों ने भारतीय परंपराओं के अनुसार होली खेली और रंग-बिरंगे माहौल में घुलकर इस पर्व का आनंद उठाया।
कोडरमा के एक प्रमुख सामाजिक संगठन द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों ने पारंपरिक तरीके से होली खेली। सबसे पहले गुलाल से एक-दूसरे का स्वागत किया गया, जिसके बाद ढोल-नगाड़ों की थाप पर स्थानीय युवाओं और विदेशी मेहमानों ने मिलकर जमकर नृत्य किया। विदेशी मेहमानों ने होली के रंगों को आत्मसात करते हुए भारतीय संस्कृति की सराहना की।
एक अमेरिकी पर्यटक मार्था ने कहा, “मैंने पहले भी भारत के बारे में बहुत सुना था, लेकिन यहां की होली का अनुभव अविस्मरणीय है। रंगों और संगीत के इस माहौल ने मेरे दिल को छू लिया है। यहां के लोग बहुत मिलनसार और दोस्ताना हैं।” इसी तरह, फ्रांस से आए एक पर्यटक लुई ने कहा, “भारतीय संस्कृति की विविधता और यहां के त्योहारों की जीवंतता देखकर मैं अभिभूत हूं। होली के रंगों में घुलना एक अनोखा अनुभव है।”
स्थानीय लोगों ने भी विदेशी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें पारंपरिक मिठाइयां और ठंडाई परोसी। स्थानीय निवासी सुनील कुमार ने कहा, “विदेशी मेहमानों को अपने साथ होली खेलते देखना हमारे लिए गर्व का विषय है। इससे हमारी संस्कृति को वैश्विक पहचान मिल रही है।”
इस मौके पर विदेशी मेहमानों ने पारंपरिक भारतीय वेशभूषा भी पहनी। महिलाओं ने साड़ी और पुरुषों ने कुर्ता-पाजामा पहनकर होली के रंगों में पूरी तरह डूब गए। कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर शांति और सौहार्द का संदेश दिया।
कोडरमा में इस अनूठी होली के बाद विदेशी मेहमानों ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति के इस रंगीन पर्व की यादें अपने देश ले जाएंगे और अपने मित्रों को भी भारत आने के लिए प्रेरित करेंगे। इस आयोजन ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक एकता का एक सुंदर उदाहरण पेश किया।



