रांची: सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के समीप फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के विरोध में आदिवासी संगठनों ने 22 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया है। इस बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों, जैसे अस्पताल संचालक, दवा दुकान कर्मी, एम्बुलेंस चालक और मरीजों को बंद से मुक्त रखा गया है।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि:
आदिवासी संगठनों का कहना है कि फ्लाईओवर का रैंप केंद्रीय सरना स्थल के पास बनाया जा रहा है, जिससे उनकी धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक पहचान पर आघात पहुंच रहा है। इससे पहले भी इस मुद्दे पर मानव श्रृंखला और पुतला दहन जैसे प्रदर्शन किए गए हैं। 21 मार्च को आदिवासी विधायकों की प्रतीकात्मक शवयात्रा और मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें संगठनों ने अपनी मांगों को दोहराया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
रांची जिला प्रशासन ने बंद के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। प्रशासन ने बंद समर्थकों को चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की हिंसा, तोड़फोड़ या उपद्रव की स्थिति में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, प्रशासन ने बंद के दौरान छात्रों, शिक्षण संस्थानों के सदस्यों और आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है।
आंदोलन की आगामी रणनीति:
आदिवासी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अनिश्चितकालीन धरना और अदालत का रुख करने जैसे कदम उठाएंगे। उनका कहना है कि यह आंदोलन उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए है, और वे इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
समर्थन और विरोध:
बंद को विभिन्न सामाजिक और व्यावसायिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने इस मुद्दे पर आदिवासी संगठनों के साथ एकजुटता दिखाई है। वहीं, कुछ अन्य संगठनों ने बंद के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है, ताकि आम जनता को असुविधा न हो।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और आदिवासी संगठनों के बीच इस मुद्दे पर किस प्रकार का समाधान निकलता है, ताकि शहर में शांति और सौहार्द बना रहे।


