
गलत चयन की स्थिति में मुवक्किल खुद होगा जिम्मेदार, कोर्ट ने दी सख्त चेतावनी.
रांची में अब मुवक्किलों को अपने केस से जुड़े वकील की नियुक्ति करने से पहले उसकी काबिलियत, अनुभव और व्यवहारिक दक्षता की पुष्टि करनी होगी। हाल के मामलों को देखते हुए अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि यदि बिना उचित जांच-पड़ताल के किसी वकील को केस सौंपा जाता है और बाद में उसका नकारात्मक असर सामने आता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मुवक्किल की ही मानी जाएगी।
अदालत में सामने आए कई मामलों में यह देखा गया कि लोग बिना किसी कानूनी समझ या अनुभव को ध्यान में रखे वकीलों की नियुक्ति कर देते हैं। बाद में जब केस में लापरवाही, गलत दलीलें या समय पर कार्रवाई न होने की शिकायतें सामने आती हैं, तो वे पूरी तरह दोष वकील पर मढ़ देते हैं। इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए अदालत ने अब मुवक्किलों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
कोर्ट का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया में दोनों पक्षों की जिम्मेदारी तय होती है। जहां एक ओर वकील को ईमानदारी और योग्यता से केस लड़ना होता है, वहीं मुवक्किल की भी यह जिम्मेदारी है कि वह सही व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि बनाए।
अदालत ने यह भी कहा है कि यदि कोई वकील बार-बार मामलों में लापरवाही बरतता है या तय मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसके खिलाफ बार काउंसिल से शिकायत की जा सकती है। लेकिन यदि मुवक्किल खुद ही बिना जांच के केस सौंपता है, तो बाद में न्यायिक व्यवस्था को दोष देना उचित नहीं होगा।
इस फैसले को एक जागरूकता भरे कदम के तौर पर देखा जा रहा है, जो न सिर्फ न्याय प्रणाली को और प्रभावी बनाएगा, बल्कि मुवक्किलों को भी अपने अधिकार और जिम्मेदारियों के प्रति सजग करेगा।