कार्यक्रम की गरिमा में चार चाँद लगाते हुए, झारखंड के विभिन्न जिलों से कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। अध्यक्ष भास्कर दत्त ने समाज की सामूहिक भागीदारी और जागरूकता को आगामी विकास का आधार बताया। महासचिव सुजीत घोष की भूमिका को न भूला जा सकने वाला बताया गया। आयोजन की सफलता में असीम सरकार, बबलु दा और राजा सेन का विशेष योगदान रहा।
सांसद महुआ मांझी ने झारखंड के सांस्कृतिक परिदृश्य में बंगाली समाज की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि आने वाले वर्षों में समाज शिक्षा, कला, संस्कृति और सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा। सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी संगठन की योजनाओं और जनसंपर्क को सशक्त करने पर बल दिया।


