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मणिपुर के सिंगनगट विधानसभा क्षेत्र के विधायक चिनलुनथांग पर म्यांमार के उग्रवादी संगठन से संबंध होने का गंभीर आरोप लगा है।
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पूर्वी ज़ोगम युवाओं के संगठन ने इस मामले की जांच के लिए गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है।
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यह संगठन ज़ोमी समुदाय से जुड़ा है और भारत, म्यांमार व बांग्लादेश में सक्रिय है।
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संगठन का दावा है कि 4 अप्रैल को म्यांमार के चिन राज्य के टोंजांग में हिंसक झड़प हुई थी।
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इस घटना के बाद विधायक चिनलुनथांग के सीमा पार भागने की खबर सामने आई है।
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संगठन के मुताबिक, चार पकड़े गए कैडरों की गवाही से चिनलुनथांग और म्यांमार के उग्रवादी गुटों के बीच संबंध की पुष्टि होती है।
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हिंसा वाले क्षेत्र से एक भारतीय आधार कार्ड भी बरामद किया गया है।
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चिनलुनथांग मणिपुर की कुकी पीपुल्स अलायंस पार्टी से विधायक हैं।
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आरोप है कि वह म्यांमार के चिन नेशनल आर्मी/फ्रंट से जुड़े हुए हैं।
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पूर्वी ज़ोगम युवाओं ने इस मामले में उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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उन्होंने गृह मंत्री से खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय की अपील की है।
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संगठन चाहता है कि भारत में मौजूद विदेशी उग्रवादी नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए।
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यह मामला भारत की आंतरिक सुरक्षा और सीमाई इलाकों की स्थिरता से जुड़ा हुआ है।
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यदि आरोप सही साबित होते हैं तो यह लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा।
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अभी तक विधायक चिनलुनथांग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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गृह मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर फिलहाल कोई बयान जारी नहीं किया है।
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मणिपुर पहले से ही जातीय हिंसा और अशांति से जूझ रहा है।
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इस नई घटना से हालात और अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
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केंद्र सरकार की भूमिका इस पूरे मामले में अब अहम हो गई है।
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लोगों को अब सरकार से पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है।


