सम्मेलन का विषय था — “क्या जलवायु कार्रवाई का भविष्य उप-राष्ट्रीय है?” इसमें भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका के प्रतिनिधियों के अलावा वैश्विक परोपकारी संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए।
सांसद माजी ने झारखंड में नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण एवं हरित नीति निर्माण को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि कैसे झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न होने के बावजूद टिकाऊ विकास की राह पर अग्रसर है।
सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रति स्थानीय सरकारों की भूमिका को रेखांकित करना था। माजी ने अपने अनुभव और विचार साझा करते हुए भारत की भूमिका को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने नीति निर्माण में उप-राष्ट्रीय सरकारों की महत्ता को दोहराया।


