2025 में बिजली की मांग में 9-10% की वृद्धि का अनुमान, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी.
भारत में 2025 में बिजली की मांग में 9-10% तक की वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों ने बढ़ते तापमान और गर्मी के कारण इस वृद्धि की आशंका जताई है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के अनुसार, 2022 से 2030 के बीच बिजली की मांग में हर साल 6% वृद्धि का अनुमान था।
हालांकि, मौसम परिवर्तन और गर्मी के बढ़ते प्रभाव के कारण यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार रहना होगा।
गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर, कूलर और अन्य विद्युत उपकरणों का उपयोग बढ़ जाता है।
इससे बिजली उत्पादन पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में लगातार हो रही वृद्धि बिजली की जरूरतें बढ़ा सकती है।
वर्ष 2024 में भी कई राज्यों में बिजली संकट की स्थिति देखी गई थी।
विशेषज्ञों ने सरकार को बिजली उत्पादन में तेजी लाने और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर जोर देने की सलाह दी है।
सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य हरित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाने की आवश्यकता बताई गई है।
इसके अलावा, ऊर्जा संरक्षण उपायों को अपनाने पर भी जोर दिया गया है।
घरों, कार्यालयों और उद्योगों में ऊर्जा बचत तकनीकों को अपनाने की सलाह दी गई है।
ऊर्जा संकट से निपटने के लिए ग्रिड नेटवर्क को भी मजबूत करने की योजना पर काम चल रहा है।
बिजली विभाग के अधिकारी 2025 के लिए ऊर्जा आपूर्ति योजना पर काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि उद्योगों को भी बिजली की मांग को देखते हुए अपनी तैयारियां करनी होंगी।
बिजली कंपनियों को पर्याप्त कोयला भंडारण और उत्पादन क्षमता में वृद्धि करनी चाहिए।
इस संकट को देखते हुए उपभोक्ताओं को भी बिजली की बचत के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की मांग में उछाल भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।



