States

रक्षा मंत्रालय ने 62,700 करोड़ रुपये का हेलिकॉप्टर सौदा किया, CCS की मंजूरी के बाद हुई डील.

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से मंजूरी मिलने के बाद 62,700 करोड़ रुपये का बड़ा हेलिकॉप्टर सौदा किया है।

इस डील के तहत ‘प्रचंड’ नामक लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) की खरीद की जाएगी। यह हेलिकॉप्टर पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है।

‘प्रचंड’ हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन और विकसित किया है।

यह भारत का पहला ऐसा लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर भी आसानी से ऑपरेट कर सकता है।

इसकी खासियत है कि यह ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने में सक्षम है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ‘प्रचंड’ को विशेष रूप से भारतीय वायुसेना और थलसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

इस हेलिकॉप्टर में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) उपकरण लगाए गए हैं।

यह हेलिकॉप्टर दुश्मन के टैंकों, बंकरों और अन्य सैन्य ठिकानों को नष्ट करने में कारगर है।

‘प्रचंड’ को लद्दाख, सियाचिन और अन्य दुर्गम इलाकों में तैनात करने की योजना है।

इसका निर्माण देश की आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत किया गया है, जिससे भारत की रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

HAL के मुताबिक, यह हेलिकॉप्टर दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम है।

‘प्रचंड’ की मारक क्षमता इसे भारतीय सेना के लिए बेहद खास बनाती है।

इस हेलिकॉप्टर को भारतीय सेना और वायुसेना में शामिल करने से उनकी लड़ाकू क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।

डील के तहत पहले चरण में 156 हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति की जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘प्रचंड’ का निर्माण भारत के रक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

यह सौदा भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूत करेगा।

‘प्रचंड’ की डिजाइनिंग में अत्याधुनिक एवियोनिक्स और मल्टीरोल क्षमताओं को शामिल किया गया है।

यह हेलिकॉप्टर घने जंगल, रेगिस्तान और दुर्गम इलाकों में भी अपनी कार्यक्षमता को बरकरार रख सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ‘प्रचंड’ के आने से भारतीय सेना की मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा।

यह सौदा भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादों को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button