हथिनीकुंड बैराज के 3 रास्ते, तो दिल्ली क्यों आया इतना पानी, पढ़िए दिल्ली बाढ़ की सच्चाई
पिछले हफ्ते राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ आ गई। कई रिहायशी इलाकों में यमुना नदी का पानी भर गया। दिल्ली से करीब 230 किमी दूर हरियाणा के हथिनी बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। दिल्ली सरकार ने भी बाढ़ के लिए इसी हाथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को जिम्मेदार माना। इस बीच ये भी दावा किया गया कि बैराज से पानी छोड़ने के तीन रास्ते हैं, लेकिन फिर भी पानी दिल्ली की ओर ही क्यों छोड़ा गया। आज हम हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने की सच्चाई का रियलटी चेक करेंगे।
परेशान किसान जायजा लेने पहुंच रहे हथिनीकुंड बैराज
हथिनीकुंड बैराज प्राकृतिक सुंदरता के बीच यमुना नदी पर स्थित है। यहां से चार राज्यों तक पानी पहुंचाया जाता है। 61 साल के किसान मुहम्मद अख्तर अपने साथी किसान इदरीस के साथ अपनी बाइक पर 100 किमी से दूर यूपी के शामली जिले के झालू गांव से आए। वो बैराज पर आम पर्यटकों की तरह घूमने नहीं आए हैं, बल्कि वो काफी घबराए हुए और चिंता में हैं। अख्तर बताते हैं, ‘हमारे गांव में पिछले सप्ताह से जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ। नहरों में फिर से पानी छोड़ा जा रहा है और इससे पूरे इलाके में पानी भर गया है। हम जानते हैं कि दिल्ली में भी स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन कम से कम इसकी देखभाल के लिए अधिकारी तो हैं क्योंकि यह राष्ट्रीय राजधानी है। लेकिन हमारे यहां तो कोई हालात का जायजा लेने तक नहीं आ रहा।’हालांकि अब दिल्ली में थोड़ी राहत है। हथिनीकुंड बैराज पर 13 जुलाई के बाद से लगातार जलस्तर कम हो रहा है। यहां पानी का बहाव इतना तेज है कि उसकी आवाज में यहां से गुजरने वाली बसों के हॉर्न की आवाज तक फीकी पड़ जाती है। बैराज से दिल्ली की ओर यमुना में पानी अभी भी तेज बहाव के साथ छोड़ा जा रहा है। इस पूरे इलाके में धुंध छाई रहती है। अख्तर और इदरीस जैसे कई किसान हालात को देखने के लिए दूर-दराज इलाकों से पहुंच रहे हैं। इसी दौरान एक किसान एक स्थानीय ठेले वाले से पूछता है कि आपको क्या लगता है कि पानी कम हो गया है? क्या ये फिर से बढ़ेगा? यमुना में आई बाढ़ से कई किसानों के खेत जलमग्न हो गए और पूरी फसल बर्बाद हो गई।




