उन्होंने एक मुठभेड़ में तीन वांछित नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें अंबोली विस्फोट का मास्टरमाइंड भी शामिल है। इस कार्रवाई को अंबोली में हुए उस दुखद विस्फोट का बदला माना जा रहा है, जिसमें आठ जवान शहीद हो गए थे।
यह मुठभेड़ बीजापुर के घोर नक्सल प्रभावित इलाके में हुई। सुरक्षा बलों की एक विशेष टीम को नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर उन्होंने इलाके में घेराबंदी की। नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
दोनों ओर से काफी देर तक चली गोलीबारी के बाद, तीन नक्सलियों के शव बरामद हुए। मारे गए नक्सलियों की पहचान की गई, जिनमें से एक अंबोली विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। इस विस्फोट में सुरक्षा बलों को भारी क्षति हुई थी, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी।
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए हैं, जिससे पता चलता है कि मारे गए नक्सली काफी सक्रिय थे और किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे। इस सफलता से इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगने की उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन को एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और इससे उनके हौसले पस्त होंगे।
इस मुठभेड़ में शामिल सुरक्षा बलों के जवानों की बहादुरी और त्वरित कार्रवाई की सराहना की जा रही है। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अंबोली विस्फोट में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है।
पुलिस का कहना है कि इलाके में अभी भी कुछ और नक्सलियों के छिपे होने की आशंका है, इसलिए तलाशी अभियान जारी रहेगा। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
यह कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि हिंसा और आतंक का रास्ता अपनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।



