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पहलगाम आतंकी हमले के बाद बोले सांसद निशिकांत दुबे: “मैं कलमा सीख रहा हूं, पता नहीं कब ज़रूरत पड़ जाए”.

गोड्डा (झारखंड): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद देश भर में गम और गुस्से का माहौल है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें से कई को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने कुछ पर्यटकों को कलमा पढ़ने के लिए कहा और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई।

इसी बीच झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का एक सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा में है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“आज कल मैं कलमा सीख रहा हूं, पता नहीं कब ज़रूरत पड़ जाए।”

उनका यह व्यंग्यात्मक और तीखा बयान आतंकी हमले की भयावहता को दर्शाने के साथ-साथ देश की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक असहिष्णुता पर कटाक्ष माना जा रहा है।

पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ यूज़र्स ने इसे “हकीकत बयां करता कटाक्ष” बताया, वहीं कई लोगों ने इसे “राजनीतिक बयानबाज़ी” करार दिया। कई यूजर्स सांसद के साहस की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे संवेदनशीलता की कमी के रूप में भी देख रहे हैं।

सांसद दुबे अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं और इस बार भी उन्होंने आतंकवाद के इस भयावह चेहरे पर तीखा प्रहार किया है। हालांकि अब तक केंद्र सरकार या गृहमंत्रालय की तरफ से इस हमले की विस्तृत रिपोर्ट या आतंकी संगठन की पुष्टि नहीं हुई है।

देश आज फिर सवालों के घेरे में है—क्या केवल धार्मिक पहचान ही अब जीवन और मृत्यु का कारण बनती जा रही है? और क्या आम नागरिक को अब अपनी जान बचाने के लिए धर्म और रीति सीखनी होगी?

देश इंतजार कर रहा है न्याय का और उन मासूम जिंदगियों के लिए एक निर्णायक जवाब का।

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