नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जातीय जनगणना का समर्थन करने के एक दिन बाद कांग्रेस ने सोमवार को उन पर पलटवार किया। पार्टी ने पिछले दो वर्षों के पीएम मोदी के ऐसे वीडियो साझा किए जिनमें उन्होंने विपक्ष की जातिगत सर्वे की मांग की आलोचना की थी। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि अब अचानक इस मुद्दे पर रुख क्यों बदला गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को एनडीए के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि जातीय जनगणना का उद्देश्य उन लोगों को मुख्यधारा में लाना है जो अब तक विकास से वंचित रह गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जातिवाद की राजनीति में नहीं, बल्कि वंचित वर्गों के सशक्तिकरण में विश्वास करती है। बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए—एक हालिया सैन्य कार्रवाई में सेना के पराक्रम और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना में, और दूसरा अगली जनगणना में जातीय गणना कराने के निर्णय को लेकर।
कांग्रेस ने इसपर तंज कसते हुए कहा कि जब विपक्ष ने यह मांग की थी, तब प्रधानमंत्री ने इसे ‘विभाजनकारी राजनीति’ करार दिया था। लेकिन अब खुद इसे समर्थन देना विरोधाभासी है। पार्टी का कहना है कि यह केवल चुनावी मजबूरी है, न कि वास्तविक सामाजिक न्याय की सोच। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से स्पष्ट किया कि जनता इस ‘यू-टर्न’ को भली-भांति समझ रही है।



