
घरेलू हिंसा के एक मामले में आरोपी से 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एक महिला सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह घटना पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े करती है।
गिरफ्तार एएसआई, [एएसआई का नाम, यदि उपलब्ध हो], उस घरेलू हिंसा मामले की जांच अधिकारी (आईओ) थी। आरोप है कि वह शिकायतकर्ताओं को गिरफ्तार करने की धमकी देकर उनसे पैसे की उगाही कर रही थी। शिकायत मिलने के बाद सतर्कता निदेशालय ने जाल बिछाया और एएसआई को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
सतर्कता विभाग ने एएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। इस घटना ने पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकर्षित किया है और अधिकारियों ने ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।