जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी से पशुधन पर असर, आदिवासी चिंतित।
जम्मू-कश्मीर के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बेमौसम बर्फबारी ने स्थानीय आदिवासी समुदायों और उनके पशुधन के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है।
गर्मी के मौसम में अचानक हुई इस बर्फबारी ने चरवाहों को अपने पशुओं के साथ ऊंचाई वाले चरागाहों से वापस उप-अल्पाइन क्षेत्रों में लौटने पर मजबूर कर दिया है, जिससे उनके सामने चारे और सुरक्षित आश्रय की चुनौती खड़ी हो गई है।
अधिकारियों के अनुसार, इस अप्रत्याशित बर्फबारी के कारण तापमान में भारी गिरावट आई है, जिससे भेड़-बकरियों और अन्य पशुधन को ठंडी परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर, बर्फ की मोटी परत ने चरागाहों को ढक लिया है, जिससे पशुओं के लिए भोजन की कमी हो गई है। जम्मू संभाग के राजौरी जिले के बुढाल उपखंड के ऊपरी इलाकों में बिजली गिरने की घटनाओं में 100 से अधिक भेड़ और बकरियों की मौत भी हुई है, जिससे खानाबदोश परिवारों को भारी नुकसान हुआ है।
प्रशासन ने स्थिति का आकलन करने और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए टीमें भेजी हैं। हालांकि, इन दूरदराज के क्षेत्रों में राहत पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। यह घटना जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों को रेखांकित करती है, जो सीधे तौर पर इन खानाबदोश समुदायों की आजीविका और जीवनशैली को प्रभावित कर रहा है।


