
पुणे, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के पुणे जिले में रविवार को इंद्रायणी नदी पर हुए पुल हादसे ने राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कम से कम चार लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे राज्य में शोक का माहौल है और साथ ही प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। हादसे के बाद से ही विभिन्न राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं, जिसमें विपक्षी नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने इस घटना की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुल के अचानक ढहने के पीछे के कारणों का पता लगाना और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। वहीं, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। राउत ने सरकार को इस हादसे के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह राज्य में बुनियादी ढांचों के रखरखाव में घोर लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने सरकार की अक्षमता और जनता के प्रति जवाबदेही की कमी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
इस बीच, राज्य सरकार ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मामले में लीपापोती कर सकती है और वास्तविक दोषियों को बचा सकती है। मुख्यमंत्री ने पहले ही राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया है और पीड़ितों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है, लेकिन अब राजनीतिक दबाव के कारण जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठने लगे हैं। यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या ठोस कदम उठाती है और क्या वाकई हादसे के पीछे के कारणों और जिम्मेदारियों का पूरी तरह से खुलासा हो पाएगा।