
उन्होंने यह टिप्पणी भारतीय कॉरपोरेट लॉ सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए की। राष्ट्रपति भवन में इन अधिकारियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका नीतियों, नियमों और संस्थाओं में नागरिकों तथा निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने में अहम होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि कॉरपोरेट कानूनों को लागू करने और उनका पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी इन अधिकारियों की है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी पारदर्शिता, जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा देने वाले कारोबारी वातावरण को विकसित करने में मदद करें। उन्होंने 2013 के कंपनी अधिनियम का हवाला देते हुए जोर दिया कि कानून केवल लागू ही न हो, बल्कि लोगों को समझ में आए, उसका सम्मान हो और न्यायपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाए। साथ ही रक्षा एयरोनॉटिकल गुणवत्ता आश्वासन सेवा और केंद्रीय श्रम सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी राष्ट्रपति से भेंट की।
सैन्य विमानन गुणवत्ता पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह केवल तकनीकी मानकों को पूरा करने की बात नहीं है, बल्कि मिशन की सुरक्षा, तैयारियों और रणनीतिक श्रेष्ठता को भी सुनिश्चित करना है। उन्होंने जोर दिया कि सैन्य वस्तुएं चाहे स्वदेशी हों या आयातित, उनकी गुणवत्ता और हवाई उपयुक्तता वैश्विक मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र को सक्रिय रूप से शामिल करने और तकनीकी हस्तांतरण के माध्यम से स्वदेशीकरण को तेज करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।