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असम परिवार ने घर दान कर दिव्यांगों की ज़िंदगी संवारी।

गुवाहाटी, असम: असम में एक परिवार के मानवीय कार्य ने दिव्यांगजनों के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है।

इस परिवार ने अपना पैतृक घर दान कर दिया है, जो अब ‘जीवन जोना’ (Jeevan Jona) नामक एक अद्भुत आश्रय स्थल बन गया है। यह सिर्फ एक आश्रय नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्थान है जहाँ दिव्यांगजन घर जैसा महसूस करते हैं और वह गरिमा प्राप्त करते हैं जिसके साथ वे जीना चाहते हैं।

‘जीवन जोना’ दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पित है। यहाँ उन्हें रहने के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिलता है, साथ ही उनकी जरूरतों के अनुसार सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। यह पहल दिखाती है कि कैसे एक छोटा सा दान भी कई लोगों के जीवन पर गहरा और सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे वे सम्मान और स्वायत्तता के साथ जीवन जी सकें।

यह आश्रय स्थल दिव्यांगों को सशक्त बनाने, उनके कौशल को विकसित करने और उन्हें सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ‘जीवन जोना’ पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे हम सभी मिलकर दिव्यांगजनों के लिए एक अधिक समावेशी और सहायक वातावरण बना सकते हैं।

 

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