गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: भारत की राष्ट्रपति ने गोरखपुर में एक महत्वाकांक्षी आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया है, जो देश में पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राज्य में “स्वास्थ्य और संस्कृति के एक नए युग की शुरुआत” बताया।
यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी आयुष प्रणालियों में शिक्षा, अनुसंधान और उपचार को एकीकृत करेगा। इसका उद्देश्य इन प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना है। यह उत्तर प्रदेश को आयुष शिक्षा और अनुसंधान के केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के विजन को भी मजबूत करेगा, जहाँ स्वदेशी ज्ञान और प्रणालियों को महत्व दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल स्वास्थ्य सेवा में सुधार करेगा, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को भी समृद्ध करेगा।


