श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: पहलगाम में हुए हालिया हमले के बाद कश्मीर घाटी में साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism) पूरी तरह से ठप पड़ गया है। इस क्षेत्र से जुड़े हितधारक अब सरकार से प्रतिबंध हटाने की अपील कर रहे हैं, ताकि पर्यटन गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा सके। यह स्थिति घाटी की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रही है, क्योंकि साहसिक पर्यटन यहाँ रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
ट्रेकिंग के शौकीनों का सवाल है कि जब पर्यटक स्थलों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोला जा रहा है, तो घाटी में ट्रेकिंग मार्गों को बंद क्यों रखा गया है। पहलगाम जैसे क्षेत्रों में ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पर्वतारोहण और अन्य साहसिक खेल पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इन गतिविधियों पर रोक से न केवल स्थानीय टूर ऑपरेटरों, गाइडों और पोर्टरों की आजीविका प्रभावित हो रही है, बल्कि यह क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को भी नुकसान पहुँचा रहा है। सुरक्षा चिंताओं को समझते हुए भी, हितधारकों का मानना है कि सावधानीपूर्वक योजना और सख्त सुरक्षा उपायों के साथ इन गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा सकता है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को अब एक संतुलन बनाने की आवश्यकता है – एक तरफ सुरक्षा सुनिश्चित करना और दूसरी तरफ स्थानीय अर्थव्यवस्था को सहारा देना। साहसिक पर्यटन के पुनः आरंभ होने से कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को फिर से गति मिलेगी और स्थानीय लोगों के जीवन में भी सुधार आएगा।


