नैनीताल, उत्तराखंड: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए, फर्जी वारंट और वसूली के एक बड़े मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और निजी बैंकों को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। यह फैसला इस घोटाले की गहराई से जांच करने के लिए एक बड़ा कदम है, जिसने हजारों आम लोगों को धोखा दिया है।
कोर्ट ने कहा कि यह घोटाला न केवल आम लोगों को ठगने के बारे में है, बल्कि यह हमारी बैंकिंग प्रणाली और न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता को भी चुनौती देता है। इस घोटाले में, जालसाजों ने लोगों को सरकारी वारंट दिखाकर उनसे पैसे की वसूली की। कोर्ट का मानना है कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए बैंकिंग प्रणाली में भी सुधार की आवश्यकता है।
इस फैसले के बाद, अब आरबीआई और निजी बैंकों को भी इस मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी। यह फैसला यह भी दिखाता है कि न्यायपालिका किस तरह से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और सरकारी संस्थानों को भी जवाबदेह ठहरा सकती है।



