जशपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला न्यायालय ने एक व्यक्ति को अपनी बहू से बलात्कार के आरोप में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जनार्दन खरे ने फैसला सुनाते हुए ‘रामचरितमानस’ की चौपाइयों का पाठ किया। यह फैसला समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर एक मजबूत संदेश देता है।
न्यायाधीश खरे ने जोर देकर कहा कि किसी भी महिला की मर्यादा को ठेस पहुँचाना एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है, और इस तरह के जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इस फैसले से समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह न्यायिक प्रक्रिया में भारतीय मूल्यों और नैतिकता का एक अनूठा उदाहरण है।



