कटक, ओडिशा: ओडिशा के कटक में एक दुर्गा पूजा पंडाल अपनी 275 साल पुरानी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहाँ माँ दुर्गा को एक देवी या माँ के रूप में नहीं, बल्कि घर की बेटी के रूप में पूजा जाता है। यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि दुर्गा पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और पारिवारिक आयोजन भी है।
कटक का सर्पदुर्गा पूजा आधुनिकता और भव्यता से अछूता है। यह पूजा अपने सरल और पारंपरिक स्वरूप में ही होती है, जहाँ केवल पूजा, भक्ति और सदियों पुरानी परंपरा पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यहाँ कोई बड़ा आयोजन या शोर-शराबा नहीं होता, बस लोग अपनी बेटी रूपी देवी की पूजा करते हैं।
यह परंपरा यह भी बताती है कि कैसे लोग अपनी आस्था को पारंपरिक तरीकों से जोड़ते हैं। यह पूजा समाज में सादगी और भक्ति का संदेश देती है।



